पुनर्जागरण के महत्व पर प्रकाश डालें। :- यूरोप के इतिहास में नयी रोशनी से युक्त-आधुनिक युग का प्रादुर्भाव बौद्धिकपुनर्जागरण से हुआ। नयी चेतना, नयी दिशा, ज्ञान-विज्ञान, नया विश्व, नयी परम्पराएँ, नए विश्वासतथा नये आधार यूरोप को पुनर्जागरण ने ही प्रदान किया जिसके फलस्वरूप आज तक यूरोप प्रगतिकी ओर अग्रसर है। पुनर्जागरण के फलस्वरूप ही प्राचीन पद्धतियों तथा अन्धविश्वास का स्थानतर्क, खोज, प्रयोग और पर्यवेक्षण ने लिया। इस प्रकार पुनर्जागरण के फलस्वरूप “विवेकवाद “नामक नवीन दृष्टिकोणों का यूरोप में जन्म हुआ। परन्तु, जनर्जागरण की सबसे बड़ी देन है-मानवका आविष्कार क्योंकि पुनर्जागरण काल में ही मानववाद का आदर्श, भौतिकवाद, तथा राष्ट्रीयताका विकास हुआ। पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप लोगों के धार्मिक दृष्टिकोण में भी परिवर्तन आया।यहाँ तक कि पुनर्जागरण ने अप्रत्यक्ष रूप से धर्म-सुधार आन्दोलन की पृष्ठ भूमि तैयार की।पुनर्जागरण के फलस्वरूप ही समाज में व्यक्ति का महत्व बढ़ा और व्यक्तिवाद का विकास हुआ।
Importance of Renaissance. :- The modern era filled with new light in the history of Europe was born from the intellectual renaissance. The Renaissance provided Europe with new consciousness, new direction, knowledge and science, new world, new traditions, new beliefs and new bases, as a result of which Europe is progressing towards progress till today. As a result of Renaissance, logic, discovery, experiment and observation replaced the ancient methods and superstitions. Thus, as a result of Renaissance, new perspectives called “rationalism” were born in Europe. But, the biggest contribution of public awakening is the invention of man because it was during the Renaissance that the ideal of humanism, materialism and nationalism developed. As a result of Renaissance, people’s religious perspectives also changed. Even Renaissance indirectly prepared the background for the religious reform movement. As a result of Renaissance, the importance of the individual increased in society and individualism developed.