भारत के राष्ट्रीय पर्व :- भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहां अनेकता में एकता की मिसाल देखने को मिलती है। यहां विभिन्न धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां हैं, लेकिन जब बात देश की होती है, तो सभी भारतीय एक साथ खड़े होते हैं। भारत के तीन प्रमुख राष्ट्रीय पर्व – गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) – पूरे देश में हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाए जाते हैं। ये पर्व न केवल हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद दिलाते हैं, बल्कि हमें एकजुट होने और राष्ट्रहित में काम करने की प्रेरणा भी देते हैं।
1. गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)
गणतंत्र दिवस भारत के संविधान के लागू होने का दिन है। 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणराज्य बना और हमारा संविधान लागू हुआ। इस दिन दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन होता है। यह दिन हमें कानून के प्रति सम्मान और देश के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है।
2. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
स्वतंत्रता दिवस वह दिन है जब भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाई। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संघर्ष की याद दिलाता है। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। पूरे देश में यह पर्व तिरंगा फहराने, देशभक्ति के गीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है।
3. गांधी जयंती (2 अक्टूबर)
गांधी जयंती महात्मा गांधी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सत्य और अहिंसा के माध्यम से भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। लोग गांधीजी के विचारों को अपनाने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा लेते हैं।
राष्ट्रीय पर्वों का महत्व
राष्ट्रीय पर्व केवल उत्सव मनाने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह हमें हमारे इतिहास, संस्कृति और देशभक्ति की भावना से जोड़ते हैं। ये पर्व हमें यह सिखाते हैं कि हम सभी एक देश के नागरिक हैं और हमें अपने देश की एकता, अखंडता और प्रगति के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
भारत के राष्ट्रीय पर्व हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक हैं। ये पर्व न केवल अतीत की याद दिलाते हैं, बल्कि एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हमें प्रेरित भी करते हैं। हमें इन पर्वों के महत्व को समझना चाहिए और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लेना चाहिए।